Adolf Hitler
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Adolf Hitler by Mahesh Dutt Sharma
पार्टियों की मदद से उसने जर्मनी की सत्ता हथिया ली और सेना को अपने नियंत्रण में ले लिया।
ऑस्ट्रिया में जनमा एडोल्फ हिटलर बारह वर्ष तक जर्मनी का शासक रहा। उसके शासनकाल की परिणति द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में हुई, जिसमें लाखों लोग मारे गए। यही कारण है कि आज तक के इतिहास में उसकी गणना सबसे घृणित एवं दुष्ट व्यक्तियों में की जाती है।हिटलर को शुरू से ही कला में बहुत दिलचस्पी थी और वह एक वास्तुकार बनना चाहता था। वह सन् 1913 में म्यूनिख (जर्मनी) गया और वहाँ की कला एवं वास्तुशिल्प ने उसे मोहित कर लिया। एक जर्मन देशभक्त होने के बावजूद उसे कोई सरकारी पद नहीं मिल सका, क्योंकि उसके पास वहाँ की पूर्ण नागरिकता नहीं थी। प्रथम विश्व युद्ध के बाद भी वह सेना में ही रहा और तरक्की करते हुए उसने पुलिस जासूस का दर्जा प्राप्त कर लिया।धीरे-धीरे हिटलर एक अच्छा वक्ता बन गया। उसका भाषण सुनने के बाद लोग पागलों की तरह उसका पीछा करते और वह जो कुछ कहता, उस पर विश्वास कर लेते। हिटलर ने निम्न और मध्य वर्गों के बीच की दूरी को मिटाकर उन्हें एक ही स्तर पर लाने में पर्याप्त सफलता पाई। अंतत: अनेक पार्टियों की मदद से उसने जर्मनी की सत्ता हथिया ली और सेना को अपने नियंत्रण में ले लिया।हिटलर की महत्त्वाकांक्षा, निरंकुशता एवं सैन्य-संचालन के बारे में बहुत कुछ ज्ञात होते हुए भी आम आदमी उसके बारे में और अधिक जानने को उत्सुक रहता है। बीसवीं सदी के इस बहुचर्चित एवं विवादास्पद व्यक्तित्व के बहुत से जाने-अनजाने पहलुओं और अनेक अज्ञात रहस्यों पर इस पुस्तक में विस्तृत प्रकाश डाला गयाहै।
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महेश शर्मा
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर।उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य।हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
Publisher : Prabhat Prakashan; 1st edition (1 January 2019); Prabhat Prakashan – Delhi
Language : Hindi
Paperback : 208 pages
ISBN-10 : 9350480689
ISBN-13 : 978-9350480687
Reading age : 18 years and up
Item Weight : 340 g
Dimensions : 22.86 x 15.24 x 1.39 cm
Country of Origin : India
Importer : Prabhat Prakashan – Delhi
Packer : Prabhat Prakashan – Delhi
Generic Name : Book